इन दोनों विडिओ को देखने के बाद अगर आपका मन देश व समाज भक्ति के लिए प्रेरित हो तो 5 अप्रेल 2011 को अन्ना हजारे जी के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर जरूर आयें या अपने शहर में ही उनके समर्थन में और इस देश से कुव्यवस्था को मिटाने के लिए कम से कम एक दिन का उपवास जरूर रखें और भगवान से प्रार्थना भी करें की वो हमारे देश के भ्रष्ट व कुकर्मी राजनेताओं को सद्बुद्धि प्रदान करे |
पूरे देश के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले सेनानियों (CORRUPTION FIGHTERS) से आग्रह है की इस ब्लॉग को भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ाई में, देशहित में ,समाजहित में तथा भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ाई लड़ने वाले सेनानियों के हित में ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें ....ये ब्लॉग बनाया मैंने जरूर है लेकिन ये भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले सभी सेनानियों की संपत्ति है......
मंगलवार, 29 मार्च 2011
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आपने तो मुझे भावना के प्रवाह में बहा दिया जय जी, ०५ अप्रैल को मेरा जन्म दिन है और आज मैं आपको विशवास दिलाता हूँ कि मैं ०५ अप्रैल को एक दिन का उपवास रखकर अन्ना जी जैसे महान व्यक्तित्व को समर्पित करूंगा ! उनके द्वारा किये जा रहे इस महान कार्य को मेरा प्रणाम !
जवाब देंहटाएंलोकपाल विधेयक पारित हो इसके लिए तो मैं पूर्व में कई बार लिख चुकी हूँ। हम सब अन्ना हजारे ही के साथ हैं।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रविन्द्र प्रभात जी ,ये आजादी की दूसरी लड़ाई हमसबके हार्दिक सहयोग के ही जीता जायेगा....हो सके तो अपने मित्रों और रिश्तेदारों से भी ऐसा करने का आग्रह करें....
जवाब देंहटाएंहाँ अजित जी आपके विचारों को अब एक राष्ट्रिय आवाज मिल रही है जिसे आजादी की दूसरी लड़ाई भी कह सकते हैं बस उसमे एक बदलाव हुआ है उसका नाम लोकपाल की जगह जन लोकपाल हो गया है जो आम लोगों के अरमानों और हितों की रक्षा करेगा.....
जवाब देंहटाएंHam sab aapke saath hain.
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जीवन की हरियाली के पक्ष में!
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इस्लाम धर्म में चमत्कार।
जागो देशवासियों अगर अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी! गुलामी की जंजीर तोड़ो और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सर पर कफ़न बांध कर संघर्ष करो! जन क्रांति की ये आग दावानल बनकर धधके और भ्रष्टाचारियों का सर्वनाश कर दे! अभी तक अपने अपने लिए जीने वालो औरों के लिए भी जीना सीखो! सभी देशभक्त और ईमानदार लोगों के लिए श्री अन्ना हजारे जी का आवाहन है - ५ अप्रैल को जंतर मंतर पर पधार कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू हो रहे जनयुद्ध (महा यज्ञ) में अपने स्वार्थों की अंतिम आहूति दो! जय हिंद!
जवाब देंहटाएंहम सब आप के साथ है, मैं तो हिदुस्तान की न्याय व्यवथा के भी खिलाफ भी हूँ , क्योँकि हमारे देश में 95प्रतिशत लोग हिंदी भाषा को समझते है और बोलते हैं, और तो और देश कि राष्ट भाषा भी हिंदी है, फिर न्याय व्यवथा इंग्लिश में क्योँ, सवाल ये है कि इंग्लिश में कोर्ट ने क्या लिखा है ये सिर्फ और सिर्फ वकील को ही मालूम होता है और आज का वकील तो आपने वादियों से व्यसाय के रूप में बात करता है नाकि न्याय के लिए. सम्पूर्ण देश में कोर्ट जो भी आदेश हिंदी (हमारी रास्टीय भाषा ) में भी होना चाहिए,
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