भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी
भारत माता फिर मांग रही आजादी
कल अंग्रेजों की जंजीरों से जकड़ी
आज भ्रष्टाचारियों की जंजीरों से जकड़ी
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
चलो उठो नौजवानों! सर पर बांध लो कफन
इन भ्रष्टाचारियों से नहीं मिलेगी आजादी
भारत माता को दिए बगैर क़ुर्बानी के
कल थें हम अंग्रेजों के गुलाम
आज हैं भ्रष्टाचारियों के मोहताज
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
नहीं मिलता अब गरीब को इन्साफ हैं
बिका प्रशासन, नाकाम हुई कार्यप्रणाली
बिगड़ी व्यवस्था, भ्रष्ट हुई मीडिया भी
अब जजों के भी लगने लगे मोल
कोई कम में बिका, कोई ज्यादा में
चलो उठो नौजवानों! फिर बढ़ालो अपने कदम
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
फिर से कब पैदा होंगे चन्द्रशेखर आजाद,
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, लालबहादुर शास्त्री
महात्मा गाँधी आदि जैसे नौजवान
आओ फिर से भरे दिल में जज्बा देशप्रेम का,
चलो उठो नौजवानों! हो जाओ तैयार!
भारत माता की आजादी के लिए अपना खून बहाने को,
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
भौतिक सुखों के लालच में हुई
आज कलम भी बेईमान है
स्वार्थी राजनीतिज्ञों ने स्विस के बैंक भर दिए
हमारे देश की जनता की जेब खाली है
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
कोमनवेल्थ गेम्स के नाम पर लाखों-अरबों लुटा दिए
आज आम आदमी मंहगाई से बेहाल है
राजनीतिज्ञों और पूंजीपतियों के साथ
ही मीडिया के गंठ्बधन के भी
2जी संचार घोटाले ने खोले राज है
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
फाँसी का फंदा खुद बढ़-चढ़कर
चूमने वाले ऐसे नौजवान कब पैदा होंगे
कर रही भारत माता इंतज़ार है.
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
आओ नौजवानों नए वर्ष में एक नया संकल्प लें
या हम मिट जायेंगे, या भ्रष्टाचारियों को मिटा देंगे
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
चलो उठो नौजवानों, देने अपनी कुर्बानी
भरकर दिल में देशप्रेम का जज्बा
अब भ्रष्टाचारियों को बतला दें
हम भारत माँ के ऐसे बेटे हैं
जो अपनी कुर्बानी देने से अब नहीं झिझकेंगे.
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
कल अंग्रेजों की जंजीरों से जकड़ी
आज भ्रष्टाचारियों की जंजीरों से जकड़ी
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
चलो उठो नौजवानों! सर पर बांध लो कफन
इन भ्रष्टाचारियों से नहीं मिलेगी आजादी
भारत माता को दिए बगैर क़ुर्बानी के
कल थें हम अंग्रेजों के गुलाम
आज हैं भ्रष्टाचारियों के मोहताज
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
नहीं मिलता अब गरीब को इन्साफ हैं
बिका प्रशासन, नाकाम हुई कार्यप्रणाली
बिगड़ी व्यवस्था, भ्रष्ट हुई मीडिया भी
अब जजों के भी लगने लगे मोल
कोई कम में बिका, कोई ज्यादा में
चलो उठो नौजवानों! फिर बढ़ालो अपने कदम
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
फिर से कब पैदा होंगे चन्द्रशेखर आजाद,
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, लालबहादुर शास्त्री
महात्मा गाँधी आदि जैसे नौजवान
आओ फिर से भरे दिल में जज्बा देशप्रेम का,
चलो उठो नौजवानों! हो जाओ तैयार!
भारत माता की आजादी के लिए अपना खून बहाने को,
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
भौतिक सुखों के लालच में हुई
आज कलम भी बेईमान है
स्वार्थी राजनीतिज्ञों ने स्विस के बैंक भर दिए
हमारे देश की जनता की जेब खाली है
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
कोमनवेल्थ गेम्स के नाम पर लाखों-अरबों लुटा दिए
आज आम आदमी मंहगाई से बेहाल है
राजनीतिज्ञों और पूंजीपतियों के साथ
ही मीडिया के गंठ्बधन के भी
2जी संचार घोटाले ने खोले राज है
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
फाँसी का फंदा खुद बढ़-चढ़कर
चूमने वाले ऐसे नौजवान कब पैदा होंगे
कर रही भारत माता इंतज़ार है.
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
आओ नौजवानों नए वर्ष में एक नया संकल्प लें
या हम मिट जायेंगे, या भ्रष्टाचारियों को मिटा देंगे
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
चलो उठो नौजवानों, देने अपनी कुर्बानी
भरकर दिल में देशप्रेम का जज्बा
अब भ्रष्टाचारियों को बतला दें
हम भारत माँ के ऐसे बेटे हैं
जो अपनी कुर्बानी देने से अब नहीं झिझकेंगे.
भारत माता फिर मांग रही क़ुर्बानी हैं
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461 email: sirfiraa@gmail.com
श्रीमान जयकुमार झा जी, "भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले सेनानी" ब्लॉग में योगदानकर्ता के रूप में मेरी पहली आहुति स्वीकार कीजिये
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रमेश जी ...आज सही मायने में आजादी की लड़ाई से भी ज्यादा बरी क़ुरबानी की जरूरत है क्योकि दुश्मन कोई विदेशी नहीं बल्कि देशी है और उच्च संवेधानिक पदों पर बैठकर भ्रष्टाचार तथा अपने धनपशु उद्योगपतियों के साथ मिलकर देश व समाज को लूट रहा है......सत्य,न्याय,देशभक्ति और ईमानदारी त्राहिमाम कर रही है इन कुकर्मियों की वजह से.....
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