दोस्तों
! आप यह मत सोचो कि- देश ने हमारे लिए क्या किया है, बल्कि यह सोचो हमने
देश के लिए क्या किया है ? इस बार आप यह सोचकर "आर-पार" की लड़ाई के लिए
श्री अन्ना हजारे जी के अनशन में शामिल (अपनी-अपनी योग्यता और सुविधानुसार)
हो. वरना वो दिन दूर नहीं. जब हम और हमारी पीढियां कीड़े-मकोड़ों की तरह से
रेंग-रेंगकर मरेगी. आज हमारे देश को भ्रष्टाचार ने खोखला कर दिया है. माना
आज हम बहुत कमजोर है, लेकिन "एकजुट" होकर लड़ो तब कोई हम सबसे ज्यादा ताकतवर
नहीं है.
इतिहास गवाह रहा कि जब जब जनता ने
एकजुट होकर अपने अधिकारों को लेने के लिए लड़ाई (मांग) की है, तब तब उसको
सफलता मिली है. लड़ो और आखिरी दम तक लड़ों. यह मेरी-तुम्हारी लड़ाई नहीं है.
हम सब की लड़ाई है. मौत आज भी आनी है और मौत कल भी आनी है. मौत से मत डरो.
मौत एक सच्चाई है. इसको दिल से स्वीकार करो.
पूरा आलेख यहाँ सिरफिरा-आजाद पंछी: लड़ो और आखिरी दम तक लड़ों क्लिक करके पढ़ें.
अगर हम अपना-अपना राग और अपनी अपनी डपली बजाते रहे तो हमें कभी कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून नहीं मिलेगा. अब यह तुम्हारे ऊपर है कि गीदड़ की मौत
मरना चाहते हो या शेर की मौत मरना चाहते हो. सब जोर से कहो कि- खुद मिटा
देंगे लेकिन "जन लोकपाल बिल" लेकर रहेंगे. जो हमें जन लोकपाल बिल नहीं देगा
तब हम यहाँ(ससंद) रहने नहीं देंगे.