पूरे देश के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले सेनानियों (CORRUPTION FIGHTERS) से आग्रह है की इस ब्लॉग को भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ाई में, देशहित में ,समाजहित में तथा भ्रष्टाचार के खिलाप लड़ाई लड़ने वाले सेनानियों के हित में ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें ....ये ब्लॉग बनाया मैंने जरूर है लेकिन ये भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले सभी सेनानियों की संपत्ति है......
शनिवार, 4 अगस्त 2012
जब प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज न हो
आज हाई प्रोफाइल मामलों को छोड़ दें तो किसी अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करा लेना ही एक "जंग" जीत लेने के बराबर है. आज के सम.......पूरा लेख यहाँ रमेश कुमार सिरफिरा: जब प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज न हो पर क्लिक करके पढ़ें.
सोमवार, 9 जुलाई 2012
लड़ो और आखिरी दम तक लड़ों
दोस्तों ! आखिरकार टीम अन्ना को जंतर-मंतर
पर अनशन करने की अनुमति मिल गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को
टीम अन्ना को 25 जुलाई से 8 अगस्त तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनशन करने के
लिए दिल्ली पुलिस की इजाजत मिल गई है । गौरतलब है कि दो दिन पहले दिल्ली
पुलिस ने मानसून सेशन के हवाला देते हुए टीम अन्ना को अनुमति देने से मना
कर दिया था। टीम
अन्ना के अहम अरविंद केजरीवाल के अनुसार दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से
शनिवार को मुलाकात के बाद यह परमिशन दी गई है। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना
है कि कुछ शर्तों के साथ टीम अन्ना को यह अनुमति दी गई है ।
निम्नलिखित समाचार भी पढ़ें भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की लड़ाई
दोस्तों
! आप यह मत सोचो कि- देश ने हमारे लिए क्या किया है, बल्कि यह सोचो हमने
देश के लिए क्या किया है ? इस बार आप यह सोचकर "आर-पार" की लड़ाई के लिए
श्री अन्ना हजारे जी के अनशन में शामिल (अपनी-अपनी योग्यता और सुविधानुसार)
हो. वरना वो दिन दूर नहीं. जब हम और हमारी पीढियां कीड़े-मकोड़ों की तरह से
रेंग-रेंगकर मरेगी. आज हमारे देश को भ्रष्टाचार ने खोखला कर दिया है. माना
आज हम बहुत कमजोर है, लेकिन "एकजुट" होकर लड़ो तब कोई हम सबसे ज्यादा ताकतवर
नहीं है.
इतिहास गवाह रहा कि जब जब जनता ने
एकजुट होकर अपने अधिकारों को लेने के लिए लड़ाई (मांग) की है, तब तब उसको
सफलता मिली है. लड़ो और आखिरी दम तक लड़ों. यह मेरी-तुम्हारी लड़ाई नहीं है.
हम सब की लड़ाई है. मौत आज भी आनी है और मौत कल भी आनी है. मौत से मत डरो.
मौत एक सच्चाई है. इसको दिल से स्वीकार करो.
पूरा आलेख यहाँ सिरफिरा-आजाद पंछी: लड़ो और आखिरी दम तक लड़ों क्लिक करके पढ़ें.
अगर हम अपना-अपना राग और अपनी अपनी डपली बजाते रहे तो हमें कभी कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून नहीं मिलेगा. अब यह तुम्हारे ऊपर है कि गीदड़ की मौत
मरना चाहते हो या शेर की मौत मरना चाहते हो. सब जोर से कहो कि- खुद मिटा
देंगे लेकिन "जन लोकपाल बिल" लेकर रहेंगे. जो हमें जन लोकपाल बिल नहीं देगा
तब हम यहाँ(ससंद) रहने नहीं देंगे.
लेबल:
अनशन,
अन्ना हजारे,
जनलोकपाल बिल,
दिल्ली पुलिस,
देश,
भ्रष्टाचार,
मौत,
सिरफिरा
सदस्यता लें
संदेश (Atom)